पेपरलेस विधानसभा: उत्तराखंड में बजट सत्र का नया डिजिटल अवतार!


उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र इस बार कई मायनों में खास है, क्योंकि यह नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) के तहत संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) का लोकार्पण किया। यह कदम राज्य विधानसभा को डिजिटल बनाने और पेपरलेस कार्यवाही की दिशा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।

 

उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।

 

              विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने कहा कि डिजिटाइजेशन की दिशा में तेजी से काम हो रहा है, और उम्मीद है कि आने वाले दो-तीन सत्रों के बाद विधानसभा पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सत्र के लिए विधायकों ने 521 सवाल भेजे हैं, और दो विधेयक भी प्राप्त हुए हैं।

 

                         यह सत्र कई मायनों में खास है, क्योंकि पहली बार इसे ई-विधानसभा के रूप में आयोजित किया जा रहा है, जो डिजिटल क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सत्र में सरकार दो विधेयक और तीन अध्यादेश पेश करेगी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 20 फरवरी को पेश किया जाएगा।

 

              विपक्ष ने सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग की है, ताकि जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने का अधिक अवसर मिल सके। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से सहयोग की अपील की है ताकि सत्र की कार्यवाही शांतिपूर्ण और गरिमामय तरीके से संचालित हो।









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