देहरादून में रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर परियोजना को लेकर हाल ही में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस परियोजना का कार्य शीघ्रता से शुरू किया जाए। यह कदम देहरादून में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने और शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है।
परियोजना का विवरण
रिस्पना नदी पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर 15 किलोमीटर लंबा चार लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर के निर्माण से न केवल यातायात की समस्या हल होगी, बल्कि यह दोनों नदियों को अतिक्रमण से भी मुक्ति दिलाने में सहायक होगा। वर्तमान में, इन नदियों के किनारे अवैध बस्तियाँ बस गई हैं, जिससे उनका स्वरूप नाले में बदल गया है।
कार्य की विशेषताएँ
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एलिवेटेड रोड : यह सड़क नदियों के तल पर बनाई जाएगी, जिससे जल निकासी और बाढ़ सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
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भूमि अधिग्रहण : इस परियोजना के लिए 76 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें से कुछ भूमि पर अतिक्रमण है।
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निर्माण लागत: अनुमानित रूप से इस परियोजना पर लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
पर्यावरण चिंताएँ
हालांकि, पर्यावरणविदों ने इस परियोजना पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि एलिवेटेड सड़कें नदी पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचा सकती हैं, जिससे स्थानीय जैव विविधता प्रभावित होगी।
भविष्य की योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने अन्य शहरों के लिए भी सुनियोजित विकास योजनाओं पर काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी रेखीय विभागों को समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए और विकास कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
इस प्रकार, रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर परियोजना देहरादून के लिए एक महत्वपूर्ण विकास कदम है, जो यातायात दबाव को कम करने के साथ-साथ पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने का प्रयास भी करेगी।