सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी: 2026 से शुरू होगी नई व्यवस्था
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय के तहत, छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का दोहरा अवसर मिलेगा, जिससे उन पर परीक्षा का दबाव कम होगा और अधिक लचीलापन प्रदान होगा।
नई परीक्षा व्यवस्था की मुख्य बातें:
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परीक्षा के दो चरण : पहला चरण फरवरी-मार्च में और दूसरा चरण मई में आयोजित किया जाएगा। दोनों परीक्षाएं पूरे पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी, जिससे छात्रों के ज्ञान और कौशल का व्यापक मूल्यांकन हो सकेगा।
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सर्वश्रेष्ठ स्कोर को मान्यता : छात्र दोनों परीक्षाओं में बैठ सकते हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर ही मान्य होगा। इससे उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका मिलेगा।
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प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन : प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार ही आयोजित किए जाएंगे, जो वर्तमान प्रणाली के अनुसार ही रहेगा।
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सप्लीमेंट्री परीक्षा की समाप्ति : इस नई व्यवस्था के तहत, सप्लीमेंट्री परीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि दोनों परीक्षाएं ही सप्लीमेंट्री परीक्षा की भूमिका निभाएंगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ संरेखण:
सीबीएसई की यह नई प्रणाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ संरेखित है, जो छात्र-केंद्रित शिक्षा और तनाव कम करने पर जोर देती है। इस नीति का उद्देश्य छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करना और उन्हें रचनात्मक तरीके से सीखने के अवसर देना है।
शिक्षा मंत्रालय की भूमिका:
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस सुधार को छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिससे परीक्षा संबंधी तनाव कम होगा और एक संतुलित मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित होगी।
इस नई व्यवस्था से न केवल छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें एक तनावमुक्त शिक्षा वातावरण भी प्रदान किया जाएगा। सीबीएसई की यह पहल छात्रों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगी, जो उन्हें बेहतर शैक्षिक परिणाम प्राप्त करने में मदद करेगी।