उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए UCC के तहत विवाह पंजीकरण अनिवार्य
उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, राज्य में कार्यरत सभी विवाहित सरकारी कर्मचारियों के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी किया गया है, जिसमें सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण को सुनिश्चित करें।
क्या है UCC और इसके मुख्य प्रावधान?
उत्तराखंड ने भारत का पहला राज्य होने का गौरव हासिल किया है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है। यह संहिता विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत जैसे व्यक्तिगत कानूनों को मानकीकृत करती है। UCC के तहत विवाह पंजीकरण अनिवार्य है, और यह सभी नागरिकों पर लागू होता है, हालांकि अनुसूचित जनजातियों और विशेष संरक्षित व्यक्तियों को छोड़कर।
विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया और समय सीमा
सरकारी कर्मचारियों को अपने विवाह का पंजीकरण UCC पोर्टल पर करना होगा। यह पोर्टल 23 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे सभी नागरिकों के लिए इसका उपयोग आसान हो गया है। विवाह के 60 दिनों के भीतर पंजीकरण अनिवार्य है, जबकि 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों के लिए भी पंजीकरण आवश्यक है।
सरकार की पहल और अभियान
उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए विवाह पंजीकरण को अनिवार्य करने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बल्कि समाज में विवाह पंजीकरण की महत्ता को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
इस निर्णय से न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा, बल्कि यह समाज में कानूनी और सामाजिक संरचना को भी मजबूत करेगा।