दिल का दौरा: भारत में क्यों बढ़ रहे हैं मामले? जानें लक्षण और बचाव के उपाय


हार्ट अटैक: भारत में बढ़ता खतरा

हार्ट अटैक, जिसे हृदयाघात भी कहा जाता है, एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। यह समस्या न केवल वृद्ध लोगों में, बल्कि युवाओं और फिट दिखने वाले लोगों में भी तेजी से बढ़ रही है। इस लेख में, हम भारत में हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे, इसके कारणों, लक्षणों, और बचाव उपायों पर चर्चा करेंगे।

हार्ट अटैक: एक बढ़ता खतरा

भारत में, 40-69 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में लगभग 45% मौतें दिल की बीमारियों से संबंधित पाई गईं। यह आंकड़ा चिंताजनक इसलिए भी है क्योंकि यूरोपीय देशों की तुलना में भारतीय समुदाय पर इसका प्रभाव कम उम्र से, लगभग एक दशक पहले, शुरू हो जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) निरंतर रूप से इस बात पर बल देत रहा है कि हर वर्ष लगभग 17.9 करोड़ लोग हृदय रोग (cardiovascular diseases (CVDs)) से मरते थे, और इनमें अधिकांश घटनाएं हार्ट अटैक और स्ट्रोक सहित अन्य CVDs कारण थीं।

हार्ट अटैक: लक्षण

हार्ट अटैक आनेपर कई लक्षण नजर आते हैं:

  • छाती मध्य दर्द या फुलाव : यह दर्द कभी-कभी केवल जबड़े या बाजू भाग मे भी सुनाई देता है।

  • सांसफूलना, अत्यतथकान, पसीनाआना, चक्करआना।

इन लक्षणों को अनदेखा ना करना नाहीं चाहिए और तुरंत चिकित्सा सेवा लेनी चाहिए.

हार्ट अटैक: प्रमुख कारण

1. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

  • अनियंत्रित रक्तचाप धमनियों पर दबाव डालता है, जिससे धमनियाँ खराब होती जाएंगी।

2. उच्च चोलेस्टरॉल (High Cholesterol)

  • धमनियो मे फैट जमा जिससे ब्लॉकेज आजाता है।

3. मधुमेह (Diabetes)

  • अनियमित नशुक्रक्षत्र धमनी को नुकसान देता है।

4. तनाव (Stress)

  • तनाव निरंतर रूप से हृदय पर दबाव बढ़ाता है।

5. धूम्रपान(Smoking)

  • धूम्र पान से द्धमनीयो मे सूजन और ब्लॉकेज बढ़ता जाता है।

6. बैठे रहने की जीवन शैली

  • शिथिल जीवन शैली से हृदयरोग का बढ़ता जाता है।

बचाव के उपाय

1. नियमित व्यायाम 

व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन हल्के व्यायाम करना चाहिए। इस से हृदय सम्बंधीत खतरे कुछ हद तक हो जाता है।

2. सही वृत्ति और आहर

  • वसामुक्त कोलेस्टरोल वाला भोजन से बचना।

  • फल-सब्ज़ियाँ, पौषणिक तत्वों, ओमेगा-3 फैटी, आदि से चयन।

3. तनाव राहत

ध्यान संयम को रोजमरोज अभिप्रयास करना।

4. नियमितनिरीक्षण

वर्ष्मे दौरान के लिय रिज़नल एंड फिज़िओलॉजिकल टेस्ट मिलना चाहिए।

5. आनुवंशिकता

अगर आपके परिवार मे  कोई सदस्य म्ह्रदयरोग से बिमार है, तो विशेष ध्यान निवेदन करें।

इस तरह, हम अपनी लाइफ़स्टाइल को बदलकर, सहीवृत्ति अपनाकर, और समय-समय निरीक्षण करवाकर इस खतरे को सीमीत कर सकते हैं।

इस तरह, आज कल फिट लग्ने वाले लोग भी खुदको हृदयरोग से बचने म्हेनजर रखते रखें। समय रहते चेतावनी संकेतो को देखकर तत्पर रहना अहम् बन गया।



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