भारत में विदेशी प्रवासियों के लिए 2025 का आव्रजन और विदेशी अधिनियम
भारत सरकार ने हाल ही में आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025 का मसौदा तैयार किया है, जो देश में विदेशियों के प्रवेश, रहने, और निकास संबंधित नियमों को संशोधित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह अधिनियम चार पुराने कानूनों – विदेशी अधिनियम, 1946, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, 1939, और आव्रजन (कैरियर्स देयता) अधिनियम, 2000 – को समाप्त करेगा।
महत्वपूर्ण प्रावधान
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नए निकास आधार :
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इस बिल में नए आधार जोड़े गए हैं जिनके तहत एक विदेशी भारत में प्रवेश या रहने से इनकार कर सकता है, जैसेकि राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता, अखंडता, या अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध पर असर।
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सरकार द्वारा अन्य आधार भी निर्धारित करना।
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सख्त दंड :
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अवैध रूप से भारत में आना: ₹5 लाख तक फाइन।
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फर्ज़ी दस्तावेज़: ₹10 लाख तक फाइन।
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शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय संस्थानों पर नई जिम्मेदारियाँ :
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इन्हें अब विशेष रूप से अपना यमान शैक्षणिक गतिविधियों, उपचारण आदि पर डेटाबेस बनाए रखना।
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कैरियर्स (परिवहन कर्ताओं) पर जवाबदेही :
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यदि बगैर दस्तावेज़ यात्री, तो उन्हींसे।
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राष्ट्रीय सुरक्षा :
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आवाजाही, रहने, यातायात सभी पहलुओं पर कड़ी नजर रखेगा।
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अधीक्षक आवास :
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‘डिटेन्शन’ शब्द हटाकर ‘अधीक्षक आवास’ कहकर उनको एक जगह रखना।
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बहुत बड़ा बदलाव :
यह बिल भारतीय आवाजाही, पहचान पत्रकों, तथाकथित आवश्यकताओं आदि सभीप्रकृति समस्याओं को सुलझाएगा।
इस तरह यह नया अधीनयम भारत मे आवजाही संबंधीत न्नतंत्र को सुधारने मे विशेषरूप से ध्यान संकेत करता है।
उद्दिष्ट
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इस नए बिल का उद्दिष्ट मुख्यतः वर्तमान काननूनो मे पुनर्गठन कर नाएंविभ्रमिकता को कम करना है।
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इसका मुख्य काम होगा भारत मे आगमन-प्रस्थान के लिए एक समृद्ध और समय-संगत फ़्रेमवर्क बना कर सुरक्षा को बढ़ाना।
यह बिल अब सरकार को पूर्ण शक्ति प्रदान देकर उन्हे राजनैतिक लाभ लेने के लिए उपलब्ध होगा।