उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में झंडे जी मेला 2025 की तैयारियां पूरी हो गई हैं। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए 90 फीट ऊंचा ध्वजदंड श्री दरबार साहिब पहुंच गया है, जिसका स्वागत हजारों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर किया। यह ध्वजदंड साल के पेड़ की लकड़ी से बनाया गया है और इसकी तैयारी में लगभग दो महीने का समय लगा है।
झंडे जी मेले का महत्व
झंडे जी मेला सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े बेटे, श्री गुरु राम राय जी के जन्मदिन के मौके पर आयोजित किया जाता है। यह मेला प्रेम, सद्भावना और आस्था का प्रतीक है और हर साल होली के पांचवें दिन से शुरू होता है। इस वर्ष मेला 19 मार्च से शुरू होगा और इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
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ध्वजदंड की यात्रा
ध्वजदंड को श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बॉम्बे बाग से शुरू किया गया, जहां श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को दर्शन और आशीर्वाद दिया। इसके बाद संगतों ने ध्वजदंड को अपने कंधों पर उठाकर श्री दरबार साहिब के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान टीएचडीसी चौक, श्री महंत इंद्रेश अस्पताल, लालपुल चौक, मातावाला बाग, सहारनपुर चौक होते हुए ध्वजदंड श्री दरबार साहिब पहुंचा।
विशेष तैयारियां
श्री दरबार साहिब परिसर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष ठहराव और लंगर व्यवस्था की गई है। संगतों के लिए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल (बिंदाल, तालाब, राजा रोड, भंडारी बाग, पटेल नगर) सहित धर्मशालाओं में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ढोल नगाड़ों और वाद्ययन्त्रों की धुनों पर संगतें श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लगाती रहीं, जिससे पूरी दून घाटी गुरुमई हो गई।
सुरक्षा व्यवस्था
सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मेला थाना और मेला अस्पताल जल्द शुरू होगा। 19 मार्च को श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज की अगुवाई में 90 फीट ऊंचे नए श्री झंडे जी का विधिवत आरोहण होगा। श्री दरबार साहिब प्रबंधन समिति के मुताबिक, लाखों श्रद्धालु इस पावन बेला का साक्षी बनने के लिए देहरादून पहुंचेंगे।
इस प्रकार, झंडे जी मेला आपसी प्रेम, भाईचारे और श्रद्धा का प्रतीक है, जहां सभी धर्मों के लोग आस्था के साथ शामिल होते हैं।
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