दिल्ली में सीएजी रिपोर्ट : विवाद और अनियमितताओं का खुलासा
दिल्ली विधानसभा में हाल ही में प्रस्तुत की गई सीएजी रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी के शासनकाल में कई अनियमितताओं और विवादों को उजागर किया है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले, शीशमहल के नवीनीकरण में अनियमितताएं, और स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों का जिक्र किया गया है। आइए इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र डालें :
शराब घोटाला और अनियमितताएं
सीएजी रिपोर्ट में शराब घोटाले का विस्तार से उल्लेख किया गया है, जिसमें दिल्ली सरकार की नीतियों और उनके कार्यान्वयन में गंभीर खामियां पाई गई हैं। इस घोटाले ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है और रिपोर्ट के प्रस्तुत होने के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कई AAP विधायकों को हंगामे के कारण सदन से निष्कासित कर दिया गया था।
शीशमहल का नवीनीकरण
रिपोर्ट में शीशमहल के नवीनीकरण में भी गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया गया है। यह मुद्दा भी दिल्ली सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है और विपक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में कमियां
सीएजी रिपोर्ट ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और आयुष डिस्पेंसरी में कई कमियों को उजागर किया है। इनमें शौचालय, पावर बैकअप, और जांच के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी शामिल है। कोविड-19 के दौरान भी धन के कम उपयोग और कुप्रबंधन का मुद्दा उठाया गया है।
मोहल्ला क्लीनिक और आयुष डिस्पेंसरी में कमियां:
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शौचालय और पावर बैकअप की कमी : कई मोहल्ला क्लीनिक और आयुष डिस्पेंसरी में शौचालय और पावर बैकअप नहीं थे।
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दिव्यांगों के लिए सुलभता की कमी : कई क्लीनिक दिव्यांगों के लिए सुलभ नहीं थे।
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कोविड-19 के दौरान धन का कम उपयोग : कोविड-19 से निपटने के लिए मिले धन का पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।
अस्पतालों में बिस्तरों की कमी:
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बिस्तरों की संख्या में नाममात्र वृद्धि : 2016-17 से 2020-21 तक केवल 1357 बिस्तर जोड़े गए, जबकि 32,000 बिस्तर जोड़ने की योजना थी।
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बिस्तरों पर अत्यधिक भीड़ : कई अस्पतालों में बिस्तरों पर 101 प्रतिशत से लेकर 189 प्रतिशत तक की अत्यधिक भीड़ थी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने सीएजी रिपोर्ट को आम आदमी पार्टी के काले कारनामों की फेहरिस्त बताया है। बीजेपी ने कहा है कि यह रिपोर्ट दिल्ली की जनता को यह समझने में मदद करेगी कि पिछली सरकार ने उनके लिए क्या किया है। विपक्ष की नेता आतिशी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने विधानसभा में बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर के स्थान पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने का मुद्दा उठाया है।
इस प्रकार, सीएजी रिपोर्ट ने दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा तूफान खड़ा कर दिया है और आगे भी इसके परिणाम देखने को मिल सकते हैं।