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उत्तराखंड में किसानों की जीवन रेखा बनने जा रही है समग्र सप्लाई चेन योजना, जो राज्य के कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगी। सरकार और कृषि विशेषज्ञ मिलकर ऐसी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं, जो किसानों की उपज को बेहतर तरीके से बाजार तक पहुंचाने में मदद करेंगी और उनकी आय में वृद्धि करेंगी। यह पहल विशेष रूप से पहाड़ी जिलों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां भंडारण और परिवहन की चुनौतियां किसानों के लिए बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
उत्तराखंड की कृषि की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि सीमित है और सिंचाई के संसाधन भी कम हैं। यहां के किसान अभी भी पारंपरिक फसल प्रजातियों और पुराने उत्पादन तरीकों पर निर्भर हैं, जिससे उत्पादन में सुधार की जरूरत बनी हुई है। मोटे अनाज और स्थानीय फसलों का उत्पादन यहां महत्वपूर्ण है, जो कीट और सूखे के प्रति अधिक प्रतिरोधक हैं। लेकिन उपज का भंडारण और बाजार तक पहुंचाना एक बड़ी समस्या है, क्योंकि राज्य में कोल्ड स्टोरेज की संख्या बहुत कम है। केवल 17 कोल्ड स्टोरेज और तीन कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोरेज हैं, जो कुल जरूरत के मुकाबले काफी कम हैं।
समग्र सप्लाई चेन की भूमिका
सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक खेती और उससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को मजबूत करेगी। इसके तहत किसानों को फसल की कटाई के बाद नुकसान से बचाने के लिए आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी। इससे किसान अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकेंगे और बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।
तकनीकी नवाचार और जैविक खेती का समावेश
उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए लाभकारी है। जैविक खाद और प्राकृतिक उर्वरकों के उपयोग से उत्पादन में वृद्धि हुई है और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इसके साथ ही, ड्रोन तकनीक, स्मार्ट खेती, और जल संरक्षण जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर कृषि को लाभकारी उद्यम बनाया जा रहा है।
स्थानीय किसानों के लिए लाभ
- किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों की सुविधा बढ़ेगी, जिससे वे अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य पा सकेंगे और लंबी दूरी तय करने की जरूरत कम होगी।
- सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों को मजबूत किया जाएगा, ताकि किसान सीधे बाजार से जुड़ सकें।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को नवीनतम कृषि तकनीक और वित्तीय सहायता की जानकारी मिलेगी।
- जलवायु अनुकूल फसलों और वर्षा जल संचयन जैसी पहलों से खेती अधिक टिकाऊ और लाभकारी बनेगी।
Image Alt Texts:
- “उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में किसान खेतों में काम करते हुए”
- “कोल्ड स्टोरेज सुविधा में रखी गई ताजी सब्जियां”
- “किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कृषि जानकारी प्राप्त करते हुए”
- “उत्तराखंड में जैविक खेती करते किसान”
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