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अमेरिका ने चीन पर 245% टैरिफ लगाने का बड़ा फैसला लिया है। यह कदम दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर में नया मोड़ लेकर आया है। इस टैरिफ का असर खास तौर पर चीनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सीरिंज और कुछ अन्य उत्पादों पर पड़ेगा। अमेरिका का यह फैसला चीन की ओर से किए गए जवाबी एक्शन के बाद आया है, जिसमें चीन ने अमेरिकी सामानों पर भारी टैरिफ और कुछ अहम मटेरियल्स के निर्यात पर रोक लगाई थी। अमेरिका ने चीन पर 245% टैरिफ लगाकर संकेत दिया है कि वह अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने को तैयार है।
टैरिफ लगाने के पीछे की वजहें
- अमेरिका का कहना है कि चीन लगातार अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा रहा था और बातचीत की टेबल से दूर भाग रहा था।
- चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ मेटल्स, मैग्नेट्स और अन्य हाई-टेक मटेरियल्स के निर्यात पर रोक लगा दी, जिससे अमेरिकी ऑटो, एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर और डिफेंस सेक्टर प्रभावित हो सकते थे।
- अमेरिका ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मजबूती के लिए जरूरी बताया है।
किन उत्पादों पर लगेगा 245% टैरिफ?
- यह टैरिफ सभी चीनी उत्पादों पर लागू नहीं है, बल्कि कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर ही कुल मिलाकर 245% तक का टैरिफ लगेगा।
- उदाहरण के लिए, चीनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सीरिंज पर पहले से 100% टैरिफ था, अब इसमें 145% अतिरिक्त जोड़ दिया गया है, जिससे कुल टैरिफ 245% हो गया है।
- अन्य उत्पादों पर भी अलग-अलग दरों से टैरिफ लागू रहेगा, जैसे वुलन स्वेटर पर 168.5% और अन्य वस्तुओं पर अलग-अलग प्रतिशत।
चीन की प्रतिक्रिया
- चीन ने अमेरिका के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है और इसे “आर्थिक दबाव” और “एकतरफा आर्थिक बुलिंग” करार दिया है।
- चीन ने संकेत दिया है कि वह भी अपने हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठा सकता है।
वैश्विक असर
- अमेरिका और चीन के बीच इस टैरिफ वॉर का असर पूरी दुनिया की सप्लाई चेन, व्यापार और बाजारों पर पड़ सकता है।
- दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आ सकती है।
निष्कर्ष
अमेरिका ने चीन पर 245% टैरिफ लगाकर साफ कर दिया है कि वह अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए कड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगा। आने वाले समय में यह ट्रेड वॉर और भी तेज हो सकती है, जिसका असर भारत समेत पूरी दुनिया पर महसूस किया जा सकता है।
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