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उत्तराखंड के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना को देखा जा रहा है। गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी ने इस परियोजना का निरीक्षण करते हुए कहा है कि यह रेल लाइन आने वाले समय में उत्तराखंड की लाइफ लाइन साबित होगी। इस रेल लाइन से न केवल पहाड़ी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को भी बड़ी सुविधा मिलेगी।
ऋषिकेश बिहार रेल लाइन: विकास की नई दिशा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लिंक परियोजना 125 किलोमीटर से अधिक लंबी है, जिसमें लगभग 104 किलोमीटर सुरंगों के माध्यम से गुजरती है। इस परियोजना में कुल 17 सुरंगें हैं, जिनमें से सबसे लंबी सुरंग 14.58 किलोमीटर की है, जो देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्टेशन सुरंग बनने जा रही है। इस रेल लाइन के बनने से देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे प्रमुख शहर सीधे जुड़ेंगे, जिससे पांच जिलों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
सांसद अनिल बलूनी का निरीक्षण और विचार
सांसद अनिल बलूनी ने परियोजना के तहत बन रही सुरंगों का दौरा किया और अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों के कारण यह असंभव प्रतीत होने वाली योजना अब धरातल पर उतर चुकी है। यह रेल लाइन न केवल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए बल्कि सेना और स्थानीय लोगों के लिए भी आवागमन की सुविधा बढ़ाएगी। उनका मानना है कि यह परियोजना 2027 तक पूरी हो जाएगी और उत्तराखंड की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी।
परियोजना के लाभ
- यात्रा समय में कमी: पहाड़ी इलाकों में यात्रा का समय काफी घटेगा, जिससे लोगों को सुविधा होगी।
- पर्यटन को बढ़ावा: चार धाम यात्रा समेत अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी।
- आर्थिक विकास: नए व्यापारिक केंद्र विकसित होंगे, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- सुरक्षा और कनेक्टिविटी: सेना और आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
परियोजना की तकनीकी विशेषताएं
- कुल 125.20 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, जिसमें 83% से अधिक हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है।
- 16 मुख्य सुरंगें (104 किलोमीटर), 12 एस्केप सुरंगें (97.72 किलोमीटर) और 7.05 किलोमीटर क्रॉस पैसेज।
- देश की सबसे लंबी 14.58 किलोमीटर लंबी सुरंग इस परियोजना का हिस्सा है।
- परियोजना में 14 रेल पुल और कई सड़क पुल भी शामिल हैं, जो मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे।
निष्कर्ष
ऋषिकेश बिहार रेल लाइन परियोजना उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लिए एक लाइफ लाइन साबित होगी। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी के अनुसार, यह परियोजना न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगी बल्कि क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी योजनाओं के तहत यह रेल लाइन जल्द ही पूरे क्षेत्र के विकास का आधार बनेगी।
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