उत्तराखंड में प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव हुआ है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन ने उत्तराखंड के 19वें मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। 1992 बैच के आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन इससे पहले कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने रामपुर, इटावा, पौड़ी, नैनीताल और हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया है। 2010 में हरिद्वार कुंभ मेले के अधिकारी के रूप में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
आईएएस आनंद वर्धन का प्रशासनिक अनुभव-
आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन को प्रशासनिक कार्यों का गहरा अनुभव है। उन्होंने अपने करियर के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें कई जिलों के जिला मजिस्ट्रेट रहना शामिल है। उनकी प्रशासनिक कुशलता और नीतिगत समझ के कारण उन्हें उत्तराखंड का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।
हरिद्वार कुंभ में निभाई अहम भूमिका-
आनंद वर्धन की एक बड़ी उपलब्धि 2010 में हरिद्वार कुंभ मेले का सफल संचालन भी रही है। इस मेले के दौरान उन्होंने यातायात प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रशासनिक निगरानी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी दक्षता और रणनीतिक निर्णय क्षमता के कारण कुंभ मेला सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
मुख्य सचिव के रूप में प्राथमिकताएँ-
मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के बाद आनंद वर्धन ने प्रदेश में सुगम प्रशासन, पारदर्शिता और विकास कार्यों को अपनी प्राथमिकता बताया है। वे राज्य की अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यावरण संरक्षण और शासन की प्रभावशीलता को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।
नए मुख्य सचिव से उम्मीदें-
आनंद वर्धन के उत्तराखंड के मुख्य सचिव बनने से प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। उनके अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वे राज्य के विकास और सुशासन में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।