गाजा पर इजरायली हवाई हमले ने एक बार फिर से मध्य पूर्व में तनाव को बढ़ा दिया है। हाल ही में, अमेरिका की मंजूरी के बाद इजराइल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर हमला किया, जिसमें 400 से अधिक लोगों की जान चली गई। यह हमला जनवरी से चल रहे संघर्ष विराम के समाप्त होने के बाद हुआ है।
संघर्ष का पृष्ठभूमि
हमास और इजराइल के बीच तनाव
गाजा में हमास और इजराइल के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है। पिछले कुछ महीनों में, दोनों पक्षों ने एक अस्थायी संघर्ष विराम का पालन किया था, लेकिन हालिया घटनाक्रमों ने इसे समाप्त कर दिया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “यह हमला हमास द्वारा बंधकों को मुक्त करने में विफलता के कारण किया गया है।”
हवाई हमलों का प्रभाव
मृतकों की संख्या
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हवाई हमलों में कम से कम 404 लोग मारे गए हैं, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि इस संघर्ष का मानवीय प्रभाव कितना गंभीर है।
इजराइल का बयान
इजराइल ने अपने हमलों को सही ठहराते हुए कहा कि वे आतंकवादी ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। नेतन्याहू की सरकार ने स्पष्ट किया है कि “वे अपनी सैन्य कार्रवाई को जारी रखेंगे जब तक कि सभी बंधकों को मुक्त नहीं किया जाता।”
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका का समर्थन
अमेरिकी सरकार ने इजराइल के इस कदम का समर्थन किया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि इजराइल ने अपने हमलों से पहले अमेरिका से सलाह ली थी।
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने इस हिंसा की निंदा की है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
भविष्य की संभावनाएँ
संघर्ष विराम की संभावना
इस स्थिति को देखते हुए, क्या कोई नई शांति वार्ता संभव है? फिलहाल, ऐसा लगता है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहेंगे।
निष्कर्ष
गाजा पर इजरायली हवाई हमले ने एक बार फिर से क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी चिंताजनक है।
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