केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मोदी सरकार की मंजूरी : तीर्थयात्रियों के लिए आसानी और सुविधा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। यह परियोजनाएं न केवल तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाएंगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी।
केदारनाथ रोपवे परियोजना
- लंबाई और लागत : केदारनाथ रोपवे लगभग 12.9 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत 4,081 करोड़ रुपये होगी।
- सुविधा : वर्तमान में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पहुंचने में लगभग 8-9 घंटे लगते हैं, लेकिन रोपवे के माध्यम से यह यात्रा मात्र 36-40 मिनट में पूरी हो जाएगी।
- प्रौद्योगिकी : इस परियोजना में Tri-cable Detachable Gondola (3S) Technology का उपयोग किया जाएगा, जो एक दिशा में प्रति घंटे 1,500 से अधिक यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी।
- निर्माण और संचालन : यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत की जाएगी, जिसमें निजी कंपनी निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी लेगी।
हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना
- लंबाई और लागत : हेमकुंड साहिब रोपवे लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत 2,730 करोड़ रुपये होगी।
- सुविधा : गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक पहुंचने में वर्तमान में लगभग 12 घंटे लगते हैं, लेकिन रोपवे से यह यात्रा मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी।
- निर्माण और संचालन : यह परियोजना भी PPP मॉडल के तहत होगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इन परियोजनाओं का निर्माण और संचालन क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करेगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। रोपवे की सुविधा से तीर्थयात्रियों को हर मौसम में आसानी से यात्रा करने का अवसर मिलेगा, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले इन स्थलों की यात्रा अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगी।
इस प्रकार, मोदी सरकार की इस पहल से न केवल तीर्थयात्रियों को लाभ होगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी।