बद्रीनाथ में बर्फीला कहर: हिमस्खलन से मची तबाही, 41 मजदूर लापता!


बद्रीनाथ में हिमस्खलन : एक बड़ा हादसा और राहत कार्य

उत्तराखंड के बद्रीनाथ में हाल ही में एक बड़ा हादसा हुआ है, जहां ग्लेशियर टूटने से कई मजदूर दब गए। इस घटना में 57 मजदूर प्रभावित हुए, जिनमें से 16 को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 41 मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है।भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सीमा सड़क संगठन (BRO), और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है।

घटना की जानकारी

  • हिमस्खलन का समय और स्थान : यह हादसा बद्रीनाथ और माणा के बीच सुबह करीब सवा सात बजे हुआ। यह घटना माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हुई।

  • प्रभावित मजदूर : शुरुआत में 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे, जिनमें से 16 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बचाव कार्य जारी है।

  • मौसम की स्थिति : इस क्षेत्र में पिछले दो दिनों से भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है, जिससे बचाव कार्य में परेशानियां आ रही हैं।

राहत कार्य

  • बचाव दल : ITBP, BRO, और अन्य एजेंसियों की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।

  • मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुःख व्यक्त किया और सभी मजदूरों के सुरक्षित होने की प्रार्थना की।

  • चुनौतियां : भारी बर्फबारी के कारण हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग नहीं किया जा सका है, जिससे बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।

चारधाम यात्रा पर प्रभाव

इस हादसे के बाद बद्रीनाथ हाईवे पर यातायात प्रभावित हो सकता है, जिससे आगामी चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ सकता है। सरकार और प्रशासन द्वारा सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर से पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता और आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को रेखांकित किया है।



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