मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में त्याग, सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति अहिल्याबाई होल्कर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने करुणा, सेवा और धर्मनिष्ठा से भारतीय इतिहास में अद्वितीय स्थान प्राप्त किया।

उन्होंने शासन को केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि जनसेवा, न्याय और धर्म की पुनस्र्थापना का साधन बनाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ, द्वारका से लेकर रामेश्वरम्, अयोध्या और मथुरा के साथ ही हमारी देवभूमि के बद्रीनाथ, केदारनाथ और हरिद्वार में मंदिरों और घाटों का जीर्णाेद्वार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कई धर्मशालाओं और रास्तों के निर्माण के साथ ही जनसेवा के अनेक कार्य कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने भारत में धर्मस्थलों का पुनर्निर्माण कर भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उन्होंने संपूर्ण भारत की सनातन संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। उन्होंने उस कालखंड में नारी सशक्तिकरण की ऐसी अनुपम मिसाल प्रस्तुत की, जिसकी कल्पना कर पाना भी उस समय कठिन था।

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