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हरिद्वार सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रयासों से केंद्रीय विद्यालय ऋषिकेश को स्थायी भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने आईडीपीएल परिसर की भूमि को केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के नाम करने के आदेश जारी किए हैं। इस निर्णय से न केवल स्कूल का सुचारू संचालन सुनिश्चित होगा, बल्कि क्षेत्रीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ भी मिलेगा।
भूमि हस्तांतरण का ऐतिहासिक निर्णय
केंद्रीय विद्यालय ऋषिकेश का भवन वर्ष 1978 में इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (IDPL) द्वारा बनाया गया था। हालांकि, IDPL के बंद होने के कारण यह भूमि विवादित स्थिति में थी और स्कूल प्रशासन कई वर्षों से इसे स्थायी रूप से हस्तांतरित करने की मांग कर रहा था। इस वर्ष 2025-26 में कक्षा एक में प्रवेश प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी, जिससे क्षेत्रीय जनता और अभिभावकों में असंतोष था।
त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस भूखंड पर विद्यालय स्थित है, वहां कोई पर्यावरणीय बाधा नहीं है और यह भूमि शिक्षण कार्य के लिए उपयुक्त है। उनके आग्रह पर मंत्री ने अधिकारियों को भूमि हस्तांतरण के आदेश जारी करने का निर्देश दिया।
बच्चों और अभिभावकों को राहत
इस निर्णय से क्षेत्रीय बच्चों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। अब स्कूल का संचालन बिना किसी बाधा के नियमित रूप से किया जा सकेगा। इसके साथ ही आगामी वर्षों में प्रवेश प्रक्रिया भी सुचारु रूप से संचालित होगी, जिससे अधिक बच्चों को शिक्षा का लाभ मिलेगा।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार
केंद्रीय विद्यालय ऋषिकेश को स्थायी भूमि मिलने से उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। यह निर्णय न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि स्थानीय जनता की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी करेगा।
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