हरिद्वार जमीन घोटाले में प्रदेश की धामी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आईएएस और एक पीसीएस अफसर समेत कुल 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया है जबकि 2 का सेवा विस्तार समाप्त किया गया है ।
मामले में तत्कालीन नगर निगम प्रशासक व हरिद्वार के डीएम कर्मेन्द्र सिंह, एसडीएम और पूर्व नगर आयुक्त पर गाज गिरी है।
अब इस पूरे मामले की जांच अब विजिलेन्स करेगी। विजिलेन्स की रिपोर्ट आने के बाद और भी कार्रवाई हो सकती है। सरकार इस घोटाले की तह तक जाना चाहती है और दोषियों को सजा दिलाना चाहती है।
मामला कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त और सस्ती कृषि भूमि को 54 करोड़ रुपये में खरीदने का है। न भूमि की कोई तात्कालिक जरूरत थी, न ही खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई। शासन के नियमों को दरकिनार कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।