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उत्तराखंड : प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) और IIT रुड़की ने मिलकर एक अभिनव ऐप “भूवेद” विकसित किया है। यह ऐप भूकंप आने से ठीक 15 सेकंड पहले मोबाइल उपयोगकर्ताओं को अलर्ट भेजकर जान-माल के नुकसान को कम करेगा। उत्तराखंड के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन यह तकनीकी समाधान राज्य में आपदा प्रबंधन को एक नई दिशा देगा।
कैसे काम करता है भूवेद ऐप?
भूवेद ऐप में एडवांस्ड सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करते हुए भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान लगाया जाता है। यह ऐप भूकंप के प्रारंभिक संकेतों का विश्लेषण करते हुए तत्काल अलर्ट जारी करता है। USDMA के अनुसार, यह प्रणाली विशेष रूप से उत्तराखंड के भूगर्भीय स्वरूप को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जहां भूकंप का खतरा अधिक है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह तकनीक?
उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण भूकंप संवेदनशील राज्यों में शामिल है। भूवेद ऐप न केवल अलर्ट प्रदान करेगा, बल्कि आपदा प्रबंधन टीमों को रियल-टाइम डेटा से लैस करेगा। IIT रुड़की के विशेषज्ञों ने इस ऐप को स्थानीय भाषा और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ डिज़ाइन किया है, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के निवासी इसे आसानी से उपयोग कर सकें।
USDMA की पहल और भविष्य की योजनाएं
USDMA ने हाल ही में आपदा प्रबंधन को डिजिटल बनाने के लिए एक डैशबोर्ड लॉन्च किया है, जिससे राहत कार्यों में पारदर्शिता आई है। भूवेद ऐप इसी डिजिटल पहल का हिस्सा है। प्राधिकरण का लक्ष्य आने वाले समय में इस तकनीक को बाढ़ और भूस्खलन जैसी अन्य आपदाओं के लिए भी विस्तारित करना है।
निष्कर्ष:
भूवेद ऐप उत्तराखंड के निवासियों के लिए एक जीवनरक्षक तकनीक साबित हो सकता है। USDMA और IIT रुड़की की यह साझेदारी प्रौद्योगिकी और सामाजिक जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण है। आपदा प्रबंधन में नवाचारों से भविष्य में और अधिक सुरक्षित उत्तराखंड का निर्माण संभव होगा।
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